बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के दिग्गज नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बड़े गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसके बाद बीजेपी के अंदर ही उनका विरोध होने लगा है. इस बीच सम्राट चौधरी के बड़े भाई रोहित चौधरी ने भी चुनावी मैदान में ताल ठोकने का मन बना लिया है.
रोहित चौधरी ने मुंगेर जिले की तारापुर सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके इसका ऐलान किया है. जानकारी के मुकाबिक, रोहित चौधरी आगामी 15 अक्टूबर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. उन्होंने तारापुर विधानसभा क्षेत्र की जनता से नामांकन में पहुंचकर आशीर्वाद देने की अपील की है.
बता दें कि रोहित चौधरी पूर्व में भी खगड़िया जिले के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से 2005 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ज्वाइन कर ली थी. वहीं वर्तमान समय में तारापुर सीट पर जेडीयू का कब्जा है और यहां से राजीव कुमार सिंह विधायक हैं. रोहित का दावा है कि इस बार पार्टी उनको मैदान में उतारेगी. उनके दावे का सीधा मतलब है कि सिटिंग विधायक राजीव कुमार का टिकट कटेगा. रोहित के इस दावे से मुंगेर से लेकर पटना तक सियासी हलचल मच गई है.
तारापुर सीट कभी शकुनी चौधरी (रोहित चौधरी के पिता) की कर्मभूमि हुआ करती थी. इस सीट से वे सर्वाधिक 6 बार विधायक रहे थे. उन्होंने तीन बार आरजेडी, एक-एक बार समता पार्टी एवं कांग्रेस और एक बार निर्दलीय चुनाव जीता था. बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी भी दो बार तारापुर से जेडीयू के विधायक रहे. कोरोना काल में मेवालाल का निधन होने के बाद 2021 में उपचुनाव हुआ, जिसमें जेडीयू के राजीव सिंह ने आरजेडी के अरुण साह को हराया था. यहां कुशवाहा जाति निर्णायक भूमिका में रहती है. यादव जाति के वोटर भी अच्छी संख्या में हैं. इसके अलावा वैश्य, राजपूत समेत अन्य सवर्ण जातियों के मतदाता भी चुनाव में प्रभाव रखते
हैं.