बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो चुकी है। चुनाव आयोग ने दो चरणों में मतदान कराने की घोषणा कर दी है—पहले चरण में 6 नवंबर और दूसरे चरण में 11 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के वरिष्ठ नेताओं की अहम बैठक मंगलवार को अपने आवास पर बुलाई है।
सूत्रों के अनुसार, यह बैठक एनडीए गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और संभावित उम्मीदवारों के चयन को लेकर बेहद निर्णायक मानी जा रही है। बैठक में जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, विजय कुमार चौधरी और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार इस बैठक में सीट फॉर्मूले पर अंतिम निर्णय ले सकते हैं।
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के तहत जदयू को 115 और भाजपा को 110 सीटें मिली थीं। उस समय वीआईपी और हम जैसी छोटी पार्टियों को भी कुछ सीटें दी गई थीं। हालांकि इस बार समीकरण थोड़ा बदला हुआ है। भाजपा और जदयू के बीच तालमेल मजबूत दिख रहा है, लेकिन सीटों की संख्या में मामूली फेरबदल की संभावना जताई जा रही है।
नीतीश कुमार का फोकस इस बार सामाजिक संतुलन, जातीय समीकरण और पिछले चुनावी प्रदर्शन के आधार पर उम्मीदवार तय करने पर है। कई पुराने चेहरों की जगह नए उम्मीदवारों को मौका देने की भी चर्चा है। जदयू की यह बैठक न केवल सीट बंटवारे बल्कि संगठनात्मक रणनीति और प्रचार अभियान के खाके को अंतिम रूप देने की दिशा में भी अहम मानी जा रही है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि बैठक के बाद एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला क्या होगा और जदयू किन उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाएगी। बिहार की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम साबित हो सकता है।