पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पार्टी का कहना है कि राज्य में SIR प्रक्रिया में कई खामियां हैं और इस पर न्यायालय का हस्तक्षेप आवश्यक है।
यह याचिका न्यायमूर्ति सूर्यकांत के समक्ष दायर की गई है, जो वर्तमान में बिहार और तमिलनाडु में चल रहे SIR मामलों की भी सुनवाई कर रहे हैं। कांग्रेस ने आग्रह किया है कि पश्चिम बंगाल से जुड़ी इस याचिका को भी मंगलवार को निर्धारित बिहार SIR मामले के साथ ही सूचीबद्ध किया जाए।
कांग्रेस का कहना है कि राज्यभर से लोग SIR की प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायतें कर रहे हैं और पार्टी से सहायता की मांग कर रहे हैं।
इस बीच, जस्टिस सूर्यकांत ने स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल की याचिका को अन्य राज्यों के मामलों के साथ जोड़ा जाए या नहीं, यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश (CJI) द्वारा लिया जाएगा।
गौरतलब है कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने पहले ही तमिलनाडु में SIR प्रक्रिया के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
दरअसल, चुनाव आयोग ने जून 2025 में बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण का निर्देश दिया था और प्रक्रिया पूरी होने के बाद वहां चुनाव की घोषणा भी कर दी थी। हालांकि, उस दौरान भी इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं।
बावजूद इसके, आयोग ने 27 अक्टूबर को देश के 12 राज्यों, जिनमें पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु भी शामिल हैं, में SIR कराने का आदेश जारी किया था। यह प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू हो चुकी है।