चुनाव आयोग ने देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मतदाता सूचियों को सोमवार आधी रात से फ्रीज कर दिया है। यह कदम विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को लागू करने के बाद उठाया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार शाम प्रेस वार्ता में कहा कि अब राज्य सरकारों को प्रशासनिक बदलाव करने के लिए आयोग की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि बिहार में पहले चरण की सफलता के बाद अब 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) अब फ्रीज की गई सूची में शामिल सभी मतदाताओं को विशिष्ट गणना प्रपत्र (Verification Form) सौंपेंगे। इन प्रपत्रों में मतदाता सूची के महत्वपूर्ण विवरण होंगे। मतदाता प्रपत्र भरकर जमा करेंगे और बीएलओ उनके नाम का पिछले SIR में मिलान करेंगे। अगर कोई मतदाता या उसके माता-पिता पहले से सूची में शामिल हैं, तो उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी।
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि 2002 से 2004 तक की SIR मतदाता सूची ऑनलाइन http://voters.eci.gov.in पर उपलब्ध है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, आधार को अब 12 दस्तावेजों की सूची में शामिल किया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि असम में SIR अभी नहीं किया जाएगा, क्योंकि वहाँ नागरिकता कानून के विशेष प्रावधान लागू हैं और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नागरिकता जांच की प्रक्रिया चल रही है। असम के लिए पुनरीक्षण आदेश अलग से जारी किए जाएंगे।
SIR प्रक्रिया के तहत बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म का मिलान और लिंकिंग करेंगे। इसके लिए अधिकतम तीन बार दौरा किया जा सकता है। इसके अलावा, बीएलओ यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी व्यक्ति का नाम किसी अन्य स्थान की सूची में न हो।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजनीतिक दलों के साथ बैठक करके उन्हें SIR प्रक्रिया की पूरी जानकारी देंगे।