भाकपा माओवादियों द्वारा घोषित प्रतिरोध सप्ताह को देखते हुए झारखंड पुलिस ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। मंगलवार की आधी रात से यह प्रतिरोध सप्ताह शुरू हो गया है, जो 14 अक्टूबर तक चलेगा। इस अवधि में नक्सलियों के किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की आशंका को ध्यान में रखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है, खासकर पश्चिमी सिंहभूम जैसे संवेदनशील जिलों में।
मंगलवार को पुलिस मुख्यालय, रांची में आईजी (अभियान) डॉ. माइकल राज ने सुरक्षा तैयारियों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि झारखंड में नक्सलियों की शक्ति लगभग समाप्त हो चुकी है। उन्होंने बताया कि केवल सारंडा क्षेत्र में कुछ नक्सली सक्रिय हैं, बाकी स्थानों पर उनकी उपस्थिति नगण्य है। राज्यभर में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को अलर्ट पर रखा गया है।
आईजी ने बताया कि माओवादी संगठन 8 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक प्रतिरोध सप्ताह और 15 अक्टूबर को एकदिवसीय बंद मनाने की घोषणा कर चुका है। इस दौरान नक्सली अपनी मौजूदगी जताने के लिए हिंसक घटनाओं की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए सभी जिलों को सतर्क रहने और गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
कब और क्यों मना रहे हैं प्रतिरोध सप्ताह
भाकपा माओवादी के पूर्वी रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता संकेत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि संगठन 8 से 14 अक्टूबर तक प्रतिरोध सप्ताह और 15 अक्टूबर को बंद का आयोजन करेगा। यह कार्यक्रम बिहार, झारखंड, उत्तर छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और असम में रहेगा।
माओवादियों ने दावा किया है कि 15 सितंबर को उनके कई शीर्ष सदस्यों—जैसे कॉमरेड सहदेव सोरेन उर्फ अनुज, कॉमरेड रघुनाथ हेंब्रम उर्फ चंचल, और कॉमरेड रामखेलावन गंजू उर्फ वीरसेन—को पुलिस और कोबरा बल ने कथित ‘फर्जी मुठभेड़’ में मारा था। इसी विरोध में प्रतिरोध सप्ताह और बंद का ऐलान किया गया है।
खुफिया एजेंसियों ने भी जारी किया अलर्ट
राज्य के खुफिया विभाग (SIB) ने भी सभी जिलों के एसपी और एसएसपी को विशेष सतर्कता के निर्देश जारी किए हैं। संवेदनशील जिलों में सुरक्षा कैंपों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सभी सुरक्षा बलों — सीआरपीएफ, एसएसबी, जैप और आईआरबी — को निर्देश दिया गया है कि संभावित नक्सली गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जाए। ऑपरेशनल मूवमेंट के दौरान आईईडी जांच और मार्गों की निगरानी को अनिवार्य किया गया है।
पुलिस मुख्यालय ने आदेश दिया है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में केवल आवश्यक अभियानात्मक गतिविधियों के लिए ही बलों की आवाजाही होगी। साथ ही, सभी प्रमुख सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों की मैपिंग की जाएगी ताकि माओवादी प्रभाव वाले इलाकों में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
ग्रामीण और सार्वजनिक क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाई गई
ग्रामीण बाजारों, हाटों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है। पुलिस को चेताया गया है कि नक्सली बैनर या पोस्टर हटाने के दौरान एंबुश की कोशिश कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, सरकारी और निजी प्रतिष्ठान, बैंक, ब्लॉक और अंचल कार्यालय, वन विभाग के गोदाम और मोबाइल टावरों की भी निगरानी बढ़ा दी गई है।
रेलवे और सड़कों पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने रेलवे स्टेशनों, रेल लाइनों, साइडिंग क्षेत्रों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर अतिरिक्त निगरानी के आदेश दिए हैं। साथ ही, सभी जिलों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि परिवहन और यातायात सामान्य रूप से चलता रहे तथा यात्रियों और आम नागरिकों की सुरक्षा में कोई कमी न आए।
राज्य पुलिस ने स्पष्ट किया है कि पूरे झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है और प्रतिरोध सप्ताह के दौरान किसी भी संभावित घटना से निपटने के लिए सभी बल पूर्ण रूप से तैयार हैं।