झारखंड में इस बार हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, ला-नीना प्रभाव के कारण सामान्य से अधिक वर्षा हुई है और प्रशांत महासागर में समुद्री सतह का तापमान गिरा है। साथ ही, पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तर-पश्चिम से उत्तरी हवा राज्य में प्रवेश कर रही है, जिससे ठंड में इज़ाफा हो रहा है।
मौसम विभाग ने बताया कि 17 अक्टूबर से राज्य के 11 जिलों में शीतलहर चलने की संभावना है। इन जिलों में पलामू, गढ़वा, हजारीबाग, चतरा, रांची, रामगढ़, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा और लातेहार शामिल हैं।
मौसम केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार, इस साल ला-नीना के कारण कड़ाके की ठंड नवंबर से शुरू होकर अगले साल फरवरी तक जारी रह सकती है। इस साल पिछले वर्ष की तुलना में अधिक ठंड पड़ेगी। हालांकि, 18 नवंबर से पूर्वी हवा चलने की वजह से न्यूनतम तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे अगले तीन-चार दिनों तक थोड़ी राहत मिल सकती है।
मौसम विभाग ने 18 नवंबर से 20 नवंबर तक सुबह के समय हल्के से मध्यम कोहरे की संभावना जताई है। इस बीच मौसम साफ रहने की उम्मीद है। गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार और लोहरदगा जिलों में शीतलहर को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
पिछले 48 घंटों में खूंटी में सबसे कम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा हजारीबाग 7.9°, लोहरदगा 8.3°, डाल्टनगंज 8.5°, चाईबासा 9°, बोकारो 9.5° और रांची 9.7° सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि 18 से 20 नवंबर के बीच इन जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से ऊपर रहेगा।
मौसम केंद्र ने ठंड से बचाव की सलाह दी है। अधिक ठंड के कारण ब्रेन स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है। सुबह-सुबह धूप से पहले वॉकिंग न करने की चेतावनी दी गई है। ठंड लगने से फ्लू और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।