झारखंड के जेलों में डिजिटल व्यवस्था लागू करने की तैयारी, कैदियों के लिए खुलेंगे ऑनलाइन खाते

झारखंड के जेलों में डिजिटल व्यवस्था लागू करने की तैयारी, कैदियों के लिए खुलेंगे ऑनलाइन खाते

झारखंड के जेलों में डिजिटल व्यवस्था लागू करने की तैयारी, कैदियों के लिए खुलेंगे ऑनलाइन खाते
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Oct 13, 2025, 9:57:00 AM

झारखंड सरकार ने राज्यभर की जेलों में डिजिटल व्यवस्था लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। इस नई पहल का मकसद जेलों में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना और कैदियों के लिए सुविधाओं को अधिक पारदर्शी बनाना है।

कैदियों के लिए खुलेगा डिजिटल अकाउंट

जेल आईजी सुदर्शन मंडल ने जानकारी दी कि अब झारखंड की सभी जेलों में बंद कैदियों का एक ऑनलाइन खाता खोला जाएगा। यह खाता जेल की कैंटीन के माध्यम से संचालित होगा। इसमें कैदी के परिजन घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर से पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे।

कैदी इन पैसों से जेल कैंटीन से अपनी जरूरत का सामान जैसे साबुन, तेल, टूथपेस्ट, बिस्किट, नमकीन आदि खरीद सकेंगे। पहले तक यह लेन-देन नकद में होता था, जिसमें पारदर्शिता की कमी के कारण अक्सर गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आती थीं।

भ्रष्टाचार पर लगेगा ब्रेक

इस डिजिटल व्यवस्था से जेलों में लंबे समय से चल रहे कैश आधारित सिस्टम की जगह ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होगा। इससे जहां भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की समस्या पर रोक लगेगी, वहीं कैदियों के परिजनों को भी सुविधा मिलेगी। अब उन्हें जेल जाकर या किसी बिचौलिए के माध्यम से पैसे भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

परिजनों को मिलेगा अकाउंट नंबर

हर कैदी का डिजिटल खाता नंबर उसके परिजनों को उपलब्ध कराया जाएगा। वे इस खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर कर सकेंगे। इससे मुलाकाती गेट पर लगने वाली भीड़ और रिश्वतखोरी जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, कैदियों को समय पर अपनी जरूरत की चीजें मिल सकेंगी।

निजी बैंक के साथ समझौता

आपदा प्रबंधन और कारा विभाग ने इस डिजिटल सिस्टम को लागू करने के लिए एक निजी बैंक के साथ समझौता किया है। बैंक की ओर से आवश्यक उपकरण जेलों में लगाए जा रहे हैं। विभाग ने बैंक को इस कार्य के लिए तय राशि भी प्रदान की है।

जेल प्रशासन को भी मिलेगी राहत

नई व्यवस्था से जेल प्रशासन को भी फायदा होगा। अब सभी वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में रहेगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और हिसाब-किताब में गड़बड़ी की संभावना कम होगी। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, बल्कि जेल प्रशासन की छवि में भी सुधार आएगा।

कैश सिस्टम में भ्रष्टाचार की शिकायतें आम

फिलहाल झारखंड की जेलों में कैदियों को भेजे जाने वाले सामान या पैसे पर खुला लेन-देन होता है। हर वस्तु के लिए अलग-अलग दरें तय हैं, जिन्हें जेल गेट पर तैनात कर्मचारियों को चुकाना पड़ता है। कई बार जांच के बाद भी यह व्यवस्था कुछ दिनों तक ही सुधरती है। ऐसे में डिजिटल प्रणाली लागू होने के बाद इस तरह की गड़बड़ियों पर काफी हद तक रोक लगने की उम्मीद है।

आने वाले महीनों में यह डिजिटल व्यवस्था पूरे झारखंड की जेलों में लागू कर दी जाएगी, जिससे कैदियों और उनके परिजनों दोनों को पारदर्शी और सुविधाजनक प्रणाली का लाभ मिल सकेगा।