झारखंड हाईकोर्ट ने गरीबों के शहरी आवास पर अवैध कब्जे हटाने का आदेश दिया, अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश

झारखंड हाईकोर्ट ने गरीबों के शहरी आवास पर अवैध कब्जे हटाने का आदेश दिया, अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश

झारखंड हाईकोर्ट ने गरीबों के शहरी आवास पर अवैध कब्जे हटाने का आदेश दिया, अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Oct 09, 2025, 3:44:00 PM

राजधानी रांची के मधुकम, खादगढ़ा और रुगड़ीगढ़ा क्षेत्रों में गरीबों के लिए बनाए गए शहरी आवासों पर अवैध कब्जों के मामलों पर झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने इस पूरे मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए रांची नगर निगम को एक सप्ताह के भीतर सभी अवैध कब्जे हटाने और विस्तृत जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि जिन आवासों का निर्माण गरीबों के सिर पर छत देने के लिए किया गया था, उन पर अवैध कब्जा होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और समाज के लिए लज्जाजनक है। अदालत ने सवाल उठाया कि जब यह सब हो रहा था, तब प्रशासनिक तंत्र क्या कर रहा था — क्या अधिकारी आंख मूंदे बैठे थे?

हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि इस तरह के कब्जे अचानक नहीं होते, बल्कि यह लंबे समय से चल रही प्रक्रिया का परिणाम है, जिसमें जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने रहे। कोर्ट ने निर्देश दिया कि जिन व्यक्तियों ने अवैध रूप से इन सरकारी आवासों पर कब्जा किया है, उन्हें भविष्य में किसी भी सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए।

इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का आदेश भी दिया।

रिपोर्टों के अनुसार, रांची के इन आवास परिसरों में कुल 670 फ्लैट बनाए गए थे, जिनमें से लगभग 210 से अधिक पर अवैध कब्जे की शिकायतें सामने आई हैं। अदालत ने कहा कि गरीबों के अधिकारों का हनन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और राज्य सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वास्तविक लाभार्थियों को उनका हक मिले।