झारखंड हाईकोर्ट में कुख्यात गैंगस्टर अमन साव के एनकाउंटर मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया कि अमन की मां किरण देवी द्वारा की गई ऑनलाइन एफआईआर को शीघ्र दर्ज किया जाए।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी पक्ष की ओर से मांग की गई कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। कोर्ट को बताया गया कि किरण देवी द्वारा ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराए जाने के सात महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक पुलिस ने उसे औपचारिक रूप से रजिस्टर नहीं किया है।
अदालत ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह संज्ञेय अपराध (cognizable offence) का मामला है और सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य फैसले के अनुसार, ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज करने में देरी नहीं होनी चाहिए थी।
राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि सीआईडी पहले से ही अमन साव मामले में एक प्राथमिकी दर्ज कर जांच कर रही है, और ऑनलाइन एफआईआर में उल्लिखित तथ्यों की भी जांच जारी है।
इस पर अदालत ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक घटना से संबंधित अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की जा सकती थीं, ताकि जांच अधिक पारदर्शी और प्रभावी हो सके। कोर्ट ने राज्य सरकार को ऑनलाइन एफआईआर की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई की तिथि 28 नवंबर निर्धारित की।