झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्यकर्मियों को दीपावली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। अब राज्य के सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA) की दर 55 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत मिलेगी। यह वृद्धि केंद्रीय कर्मचारियों के समान प्रभावी होगी।
वित्त विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि नई दरें 1 जुलाई 2025 से लागू होंगी। वित्त सचिव प्रशांत कुमार ने इसके लिए औपचारिक संकल्प जारी कर दिया है।
महंगाई भत्ते में इस बढ़ोतरी से राज्य सरकार पर लगभग 393 करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय भार पड़ेगा। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कदम कर्मचारियों के हित में आवश्यक था और इससे उनकी क्रय शक्ति में सुधार होगा।
वित्त सचिव ने बताया कि झारखंड सेवा संहिता के नियम 34(ए) के तहत महंगाई भत्ता केवल मूल वेतन पर देय होगा। विशेष वेतन, वैयक्तिक वेतन या अन्य भत्तों पर इसका लाभ लागू नहीं होगा।
झारखंड सरकार ने यह फैसला भारत सरकार के वित्त मंत्रालय (व्यय विभाग) द्वारा 6 अक्टूबर 2025 को जारी आदेश के अनुरूप लिया है। केंद्र ने भी अपने कर्मचारियों के लिए 1 जुलाई 2025 से महंगाई भत्ता 55% से बढ़ाकर 58% किया था।
राज्य सरकार ने बताया कि 18 जनवरी 2017 को जारी अपने संकल्प के तहत झारखंड में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें पहले ही लागू की जा चुकी हैं। उसी संकल्प की धारा 9 के तहत यह तय किया गया था कि राज्यकर्मी भी केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ते की दरों के पात्र होंगे।
इसी प्रावधान के तहत अब राज्यकर्मियों के लिए 1 जुलाई 2025 से 58% महंगाई भत्ता स्वीकृत किया गया है। यह निर्णय राज्य के सभी वेतनभोगी वर्गों पर लागू होगा, जिनका वेतनमान सातवें वेतन पुनरीक्षण के अंतर्गत संशोधित किया गया था।