झारखंड में बिना मान्यता वाले स्कूलों पर गिरेगी गाज, सरकार ने बनाए सख्त नियम

झारखंड में बिना मान्यता वाले स्कूलों पर गिरेगी गाज, सरकार ने बनाए सख्त नियम

झारखंड में बिना मान्यता वाले स्कूलों पर गिरेगी गाज, सरकार ने बनाए सख्त नियम
swaraj post

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Oct 07, 2025, 1:06:00 PM

झारखंड सरकार ने बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूलों पर सख्ती करने का फैसला किया है। झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश के बाद “निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार” नियमावली में संशोधन किया गया है। इसके तहत अब राज्य के सभी निजी स्कूलों के लिए सरकारी मान्यता लेना अनिवार्य कर दिया गया है।

राज्य में लगभग 45,000 निजी स्कूल बिना मान्यता के काम कर रहे हैं, जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। अब इन स्कूलों को भी नियम के अनुसार मान्यता हासिल करनी होगी।

मुख्य समस्याएँ:
इन स्कूलों को मान्यता लेने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, विशेषकर 2019 में लागू किए गए नियम छोटे स्कूलों के लिए बहुत जटिल हैं।

  • जमीन की शर्त: ग्रामीण क्षेत्र में मिडिल स्कूल के लिए 1 एकड़ और शहरी क्षेत्र में 75 डिसमिल जमीन अनिवार्य है।

  • लीज की समस्या: स्कूल की जमीन कम से कम 30 साल के लिए रजिस्टर्ड या लीज पर होनी चाहिए, लेकिन CNT और SPT एक्ट के तहत आदिवासी जमीन पर केवल 5 साल की लीज ही मिल पाती है।

  • UDISE कोड: कई स्कूलों के पास अब तक UDISE कोड नहीं है, जो मान्यता के लिए जरूरी है।

एसोसिएशन की मांगें:
झारखंड प्राइवेट स्कूल एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार से निम्नलिखित मांगें रखी हैं:

  1. जमीन की अनिवार्यता हटाकर स्कूल की संरचना, कक्षाओं के आकार और छात्र संख्या के आधार पर मान्यता दी जाए।

  2. CNT और SPT एक्ट के तहत आने वाली जमीनों के लिए उपायुक्त के माध्यम से 30 साल की लीज सुनिश्चित की जाए।

  3. कक्षा के कमरे का आकार छात्र संख्या के अनुसार तय किया जाए।

  4. जिन स्कूलों के पास अभी तक UDISE कोड नहीं है, उन्हें शीघ्र कोड जारी किया जाए।

राज्य शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूलों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द ऑनलाइन आवेदन कर मान्यता प्राप्त करें।