झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित SIR (Special Summary Revision) को लेकर एक बार फिर तगड़ा बयान देकर राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। मंत्री ने जनता से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई BLO घर पर आए तो उसे अंदर ही रोक दें और किसी भी हाल में SIR की प्रक्रिया पूरी न होने दें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि लोग सावधान नहीं रहे तो उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि BLO से सीधे बातचीत न करें, बल्कि तुरंत उनसे संपर्क करें।
स्वास्थ्य मंत्री ने अपने बयान को दोहराते हुए साफ कहा कि राज्य में SIR नहीं चलने दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा एक सुनियोजित साजिश के तहत SIR प्रक्रिया का इस्तेमाल करके लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाना चाहती है। मंत्री का दावा है कि आधार कार्ड को आधार बनाकर मतदाताओं की नागरिकता पर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी का नाम वोटर सूची से हट जाता है तो भविष्य में बैंक खाता तक प्रभावित हो सकता है और इसका फायदा भाजपा उठा सकती है।
“कई लोगों के नाम लिस्ट में नहीं, पर्ची देखकर देते हैं वोट”
इरफान अंसारी ने बताया कि झारखंड में बड़ी आबादी ऐसी है जिनके पास वोटर लिस्ट की प्रति तक नहीं होती। ऐसे लोग पर्ची के आधार पर मतदान करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि वोटर लिस्ट ही लोगों तक नहीं पहुंचाई जाएगी तो आसानी से उनका नाम हटाकर उन्हें ‘घुसपैठिया’ घोषित किया जा सकता है।
उनके मुताबिक, भाजपा समर्थक मतदाताओं के नाम जोड़ने और विपक्षी वोटर्स के नाम काटने की योजना बनाई जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बिहार का हवाला देते हुए दावा किया कि वहां SIR के नाम पर 65 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए और उन्हें संदेहास्पद नागरिक बता दिया गया। वहीं दूसरी ओर, 22 लाख नए नाम जोड़े गए, जिनमें कथित तौर पर उन लोगों को शामिल किया गया जो बाहर से आए थे और भाजपा के वोटर माने जाते हैं।
हालांकि झारखंड में अभी SIR की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू नहीं हुई है, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक तनाव साफ दिखाई देने लगा है।