रांची के बहुचर्चित बंधना उरांव हत्या कांड में आरोपी अमन लकड़ा उर्फ अनीश उरांव को फिलहाल राहत नहीं मिली है। अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। अपर न्याययुक्त शैलेन्द्र कुमार की अदालत ने मंगलवार को इस पर सुनवाई करते हुए आरोपी की रिहाई से इनकार कर दिया।
मामला डेढ़ एकड़ जमीन के सौदे से जुड़ा है। बंधना उरांव की पत्थर से कुचलकर हत्या की गई थी, जिसका शव 1 जून को रातु थाना क्षेत्र के बंधलता टोंगरी से बरामद हुआ था। इस घटना के बाद रातु थाना में कांड संख्या 208/2025 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपियों तक पहुंच बनाई थी।
जानकारी के अनुसार, मृतक बंधना उरांव ने अपनी जमीन छोटू कच्छप और अघनु मुंडा को बेची थी। सौदे के एवज में उसे 2.30 लाख रुपये दिए गए थे, जबकि बाकी रकम बाद में देने की बात तय हुई थी। लेकिन दोनों ने शेष भुगतान किए बिना ही उस जमीन पर काम शुरू कर दिया। जब बंधना ने इसका विरोध किया और काम रोक दिया, तो दोनों ने उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि छोटू और अघनु ने लोहरदगा के बिजवाली निवासी अपराधियों अमन लकड़ा और कैलाश से संपर्क किया। बंधना उरांव की हत्या के लिए छह लाख रुपये की सुपारी तय की गई थी। एडवांस के तौर पर छोटू ने दोनों को 10 हजार रुपये नकद दिए और शेष रकम हत्या के बाद देने का वादा किया।
31 मई की रात छोटू ने फोन कर बंधना को अपने घर बुलाया। वहीं से लौटने के क्रम में अमन और कैलाश ने बंधना को रास्ते में रोककर पहले गला दबाया और फिर पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी।
पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों — कॉल रिकॉर्ड, लोकेशन और बयान — के आधार पर अमन लकड़ा सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। फिलहाल मामला न्यायिक प्रक्रिया में है, और अदालत ने माना कि हत्या की साजिश में आरोपी की संलिप्तता गंभीर है। इसी आधार पर कोर्ट ने अमन लकड़ा की जमानत याचिका अस्वीकार कर दी।