पलामू जिले में सेवा अधिकार सप्ताह की शुरुआत हो गई है। इस अवसर पर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड में टेंडर नियमों में बदलाव किया जाएगा और यह मामला कैबिनेट में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि अब न्यूनतम बोली केवल 10 प्रतिशत ही घटाई जा सकेगी। यह घोषणा उन्होंने लेस्लीगंज में की, जहां से राज्यभर में “आपकी योजना – आपकी सरकार – आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत सेवा अधिकार सप्ताह की शुरुआत हुई।
वित्त मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में अनटाइड फंड से 75 लाख की योजना स्वीकृत हुई थी, लेकिन ठेकेदार ने 48 प्रतिशत न्यूनतम पर टेंडर डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को देखते हुए पूरे झारखंड में टेंडर नियमों में सुधार की जरूरत है।
कार्यक्रम के दौरान राधाकृष्ण किशोर ने केंद्र सरकार पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जल नल योजना के लिए नवंबर तक झारखंड को मिलने वाले 30 करोड़ रुपए की अनुदान राशि केंद्र सरकार नहीं दे रही है। इस योजना का कुल बजट 12,600 करोड़ था, जिसमें झारखंड सरकार ने 6,300 करोड़ रुपए जारी किए, लेकिन केंद्र सरकार ने अपनी हिस्सेदारी देने से इनकार कर दिया। वित्त मंत्री ने अधिकारियों को संवेदनशील होकर काम करने की आवश्यकता बताई और कहा कि पलामू जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में काम करते समय सतर्कता जरूरी है।
वित्त मंत्री ने हेमंत सोरेन सरकार की संवेदनशीलता की तारीफ करते हुए कहा कि राज्य सरकार सीधे जनता से संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी आवेदन संकलित कर उचित समाधान निकाला जाए।
इस मौके पर स्थानीय विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता ने अंचल अधिकारियों की कार्यशैली पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मनातू में तीन साल से कोई बीडीओ नहीं है, तरहसी में सीओ की नियुक्ति नहीं हुई, और लेस्लीगंज में अंचल की स्थिति दयनीय है। उन्होंने कहा कि अंचल अधिकारी केवल चाय पिलाते हैं, लेकिन काम नहीं करते। विधायक ने धान की खरीद में देरी, ढुब छत्तरपुर पुल की लंबित जांच और पांकी में डिग्री कॉलेज की स्थापना की मांग भी उठाई।
इस सेवा अधिकार सप्ताह की शुरुआत शहीद नीलांबर पीतांबर के शहादत स्थल से की गई। झारखंड सरकार ने इस कार्यक्रम का नाम “सेवा अधिकार सप्ताह” रखा है। कार्यक्रम में पलामू के डीसी समीरा एस, एसपी रीष्मा रमेशन, डीएफओ सत्यम कुमार, डीडीसी जावेद हुसैन, अपर समाहर्ता कुंदन कुमार, एसडीएम सुलोचना मीणा और डीएसओ प्रीति किस्कू सहित कई अधिकारी मौजूद थे।