खूंटी में हाथियों के बढ़ते आतंक से दहशत में ग्रामीण, समाजसेवी ने मुख्य वन संरक्षक से की स्थायी समाधान की मांग

खूंटी में हाथियों के बढ़ते आतंक से दहशत में ग्रामीण, समाजसेवी ने मुख्य वन संरक्षक से की स्थायी समाधान की मांग

खूंटी में हाथियों के बढ़ते आतंक से दहशत में ग्रामीण, समाजसेवी ने मुख्य वन संरक्षक से की स्थायी समाधान की मांग
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Oct 11, 2025, 5:02:00 PM

झारखंड के खूंटी जिले में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन हाथियों के झुंड गांवों में घुसकर फसलों को रौंद रहे हैं, घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कई बार लोगों की जान भी ले रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए समाजसेवी दिलीप मिश्रा ने रांची में मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) पारितोष उपाध्याय से मुलाकात की और रनिया, तोरपा व कर्रा प्रखंड के प्रभावित इलाकों की स्थिति से अवगत कराया।

मिश्रा ने मुख्य वन संरक्षक को एक लिखित ज्ञापन सौंपते हुए हाथियों के लिए स्थायी कॉरिडोर (मार्ग) बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जंगलों की अंधाधुंध कटाई और वन क्षेत्र के सिमटने के कारण हाथी अब बार-बार मानव बस्तियों में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों की आजीविका और जान दोनों खतरे में हैं।

समाजसेवी ने बताया कि सरकार द्वारा दिया जाने वाला मुआवजा केवल अस्थायी राहत है, इससे समस्या का मूल समाधान नहीं होता। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक हाथियों के लिए वैज्ञानिक रूप से तय किए गए सुरक्षित मार्ग नहीं बनाए जाते, तब तक यह समस्या खत्म नहीं होगी।

दिलीप मिश्रा ने यह भी कहा कि वन विभाग केवल मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान लेता है, जबकि जरूरत है जंगलों की सुरक्षा और हाथियों के प्राकृतिक आवास के संरक्षण की। उन्होंने सुझाव दिया कि विशेषज्ञों की मदद से पूरे झारखंड में हाथियों के पारंपरिक आवागमन मार्गों की पहचान कर उन्हें संरक्षित किया जाए, ताकि इंसान और वन्यजीव दोनों सुरक्षित रह सकें।

मुख्य वन संरक्षक पारितोष उपाध्याय ने आवेदन प्राप्त करने के बाद मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।

वहीं, दिलीप मिश्रा ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाता और ग्रामीणों को जंगली हाथियों के उत्पात से स्थायी राहत नहीं मिलती, तो वे ग्रामीणों के साथ मिलकर वन विभाग का घेराव करेंगे।