जमशेदपुर की 86 बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने की मांग, विधायक पूर्णिमा साहू ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र

जमशेदपुर की 86 बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने की मांग, विधायक पूर्णिमा साहू ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र

जमशेदपुर की 86 बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने की मांग, विधायक पूर्णिमा साहू ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Urvashi
: Oct 07, 2025, 10:46:00 AM

जमशेदपुर की बस्तियों में रहने वाले लाखों लोगों को उनकी जमीन पर मालिकाना अधिकार दिलाने को लेकर राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। इसी मुद्दे पर जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू ने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक विस्तृत पत्र लिखते हुए बस्तीवासियों को उनकी आवासीय भूमि पर पूर्ण स्वामित्व प्रदान करने की मांग की है। उन्होंने इसे “जनहित से जुड़ा अत्यंत संवेदनशील और दीर्घकालिक मुद्दा” बताया।

विधायक ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि जमशेदपुर की लगभग 86 बस्तियों में लाखों लोग दशकों से रह रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें अपनी जमीन पर मालिकाना हक नहीं मिला है। उनका कहना है कि अगर उन्हें यह अधिकार दिया जाता है, तो उनके जीवन में स्थायित्व, सुरक्षा और सम्मान आएगा।

2005 और 2018 की नीतियों का हवाला
पूर्णिमा साहू ने पत्र में याद दिलाया कि वर्ष 2005 में टाटा लीज नवीकरण के दौरान झारखंड सरकार ने नीतिगत निर्णय लेते हुए 1800 एकड़ भूमि इन बस्तियों के लिए सुरक्षित रखी थी। इसके बाद, 2018 में तत्कालीन एनडीए सरकार ने बस्तीवासियों को 10-10 डिसमिल भूमि लीज पर देने की नीति बनाकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया था।

झामुमो और कांग्रेस के चुनावी वादों का भी किया जिक्र
विधायक ने आगे कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने विधानसभा चुनाव घोषणापत्र में बस्तीवासियों को मालिकाना हक देने का वादा किया था।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि नवंबर 2024 में जमशेदपुर में आयोजित सभा में विधायक कल्पना सोरेन ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि झामुमो की सरकार बनने पर बिरसानगर सहित सभी बस्तियों को मालिकाना हक दिया जाएगा
पूर्णिमा साहू ने इस संबंध में विभिन्न अखबारों की कटिंग्स भी अपने पत्र के साथ मुख्यमंत्री को भेजी हैं।

विधानसभा में भी उठा चुकी हैं मुद्दा
विधायक साहू ने बताया कि इस मुद्दे को उन्होंने 2025 के बजट सत्र के दौरान विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के रूप में भी उठाया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिला।

उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि अब जब झामुमो नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार सत्ता में है, तो अपने चुनावी वादों को निभाते हुए जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए।
साहू ने कहा कि बस्तीवासियों को मालिकाना हक मिलने से उनके सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक जीवन में बड़ा परिवर्तन आएगा और उनका भविष्य सुरक्षित एवं सम्मानजनक बनेगा।