बिहार की सियासत में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है. उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ कहा कि “नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे, इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है. वैकेंसी है ही नहीं.” सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की जनता ने अमावस्या की रात यानी जंगलराज देखा है, लेकिन 2005 के बाद पूर्णिमा की रोशनी भी देखी है.
आरजेडी पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि लालू यादव की पार्टी पूरी तरह कंफ्यूज और डिफ्यूज हो चुकी है. तेजस्वी यादव पिछले जनवरी से सिर्फ घोषणाएं ही कर रहे हैं, मेनिफेस्टो पर मेनिफेस्टो जारी कर रहे हैं, लेकिन जनता अब भ्रमित नहीं होगी. उन्होंने कहा कि लालू परिवार लूट, अराजकता और भ्रष्टाचार का प्रतीक बन चुका है. चुनाव हारने के डर से आरजेडी अब चुनाव आयोग, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर आरोप लगा रही है. उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि "RJD तो अब लड़ाई में भी नहीं है, और राहुल गांधी पहले से ही वोट चोरी का नारा लगाने लगे हैं."
अपने ऊपर लगे आरोपों पर सम्राट चौधरी ने कहा कि “जो आरोप मुझ पर लगे थे, वो 1998-99 के हैं. मैं कोर्ट से बरी हुआ हूं. अगर लालू यादव ने मुझे जेल नहीं भेजा होता, तो शायद मैं राजनीति में नहीं आता.” उन्होंने कहा कि जनता जानती है कौन भ्रष्टाचार का प्रतीक है. साथ ही उन्होंने न्यायालय से अपील की कि चारा घोटाला, बाढ़, अलकतरा और लैंड फॉर जॉब केस में जब्त की गई जमीनों पर स्कूल और कॉलेज खोले जाएं.
तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि “उन्हें अपने मेनिफेस्टो में यह लिखना चाहिए कि पहले अपने पिताजी को जेल भेजेंगे. लालू यादव कट्टों के प्रतीक हैं, जिन्होंने अपराध को बढ़ावा दिया है. कट्टा सटाकर ही तेजस्वी को मुख्यमंत्री फेस घोषित किया गया.”
उन्होंने दोहराया कि बिहार में नीतीश कुमार ही स्थिरता और विकास का चेहरा हैं.