बिहार की सियासत में महागठबंधन एक बार फिर संकट के दौर से गुजर रहा है। सीट बंटवारे को लेकर न सिर्फ असहमति जारी है, बल्कि अब घटक दलों के बीच की अंदरूनी खींचतान भी खुलकर सामने आने लगी है।
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने साफ तौर पर राजद प्रमुख लालू यादव को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत दी है। उनका आरोप है कि 12 सीटों पर दोहरे उम्मीदवार उतारे गए हैं, जो सीधे तौर पर महागठबंधन को कमजोर कर रहा है।
पप्पू यादव का कहना है कि कांग्रेस ने जहां अत्यंत पिछड़ी जातियों और SC-ST वर्ग को टिकट देकर सामाजिक संतुलन बनाने की कोशिश की है, वहीं बाकी दल स्वार्थ में उलझे हैं। उन्होंने कहा कि बार-बार अपील के बावजूद गठबंधन में समन्वय नहीं दिख रहा।
"मैं बार-बार कह रहा हूं कि गठबंधन को वापस लीजिए। इसे कमजोर किया जा रहा है। सुबह तक टिकट बांटे जा रहे हैं, ये सब गलत है।"
उन्होंने कहा कि अगर लालू यादव गठबंधन धर्म का पालन नहीं करेंगे, तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा। पप्पू यादव ने चेताया कि जनता बहुत आगे बढ़ चुकी है, और नेता पीछे छूटते जा रहे हैं।
फिलहाल, महागठबंधन में मतभेद गहराते जा रहे हैं। सवाल यह है कि क्या चुनाव से पहले ये गठबंधन अपने मतभेद भुला पाएगा, या फिर यह खींचतान विपक्ष की एकजुटता को पूरी तरह बिखेर देगी?