बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंपर्क और संवाद के नए आयाम स्थापित किए। उन्होंने पूरे राज्य में कुल 84 चुनावी जनसभाएं कीं, जिनमें 11 सभाएं सड़क मार्ग से और 73 सभाएं हवाई मार्ग से संपन्न हुईं। मुख्यमंत्री ने न केवल मंचों से जनता को संबोधित किया, बल्कि एक हजार किलोमीटर की सड़क यात्रा के दौरान सीधे लोगों से संवाद भी किया। इस यात्रा के दौरान उन्होंने आठ विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क किया और एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में जनता से अपील की।
नीतीश कुमार का यह चुनावी अभियान केवल भाषणों तक सीमित नहीं था। वह जहाँ भी गए, वहां उन्होंने जनता की समस्याओं को सुना, सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी, और अब तक हुए विकास कार्यों का ब्यौरा साझा किया। उन्होंने जनता को बताया कि एनडीए सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए हैं।
मुख्यमंत्री औसतन पांच सभाएं प्रतिदिन कर रहे थे, जबकि कुछ दिनों में उन्होंने छह सभाओं को भी संबोधित किया। उनकी व्यस्तता और जनसंपर्क के प्रति समर्पण ने यह साबित किया कि वे चुनाव को जनता का उत्सव मानते हैं। नीतीश कुमार ने हर सभा में जनता से अपील की कि वे राज्य में विकास की निरंतरता बनाए रखने के लिए एनडीए को समर्थन दें।
उनका यह चुनावी अभियान बिहार के कोने-कोने तक पहुंचा। चाहे हवाई मार्ग से हों या सड़क मार्ग से, मुख्यमंत्री ने हर वर्ग के लोगों से मुलाकात की, उनका अभिवादन स्वीकार किया और बिहार के उज्जवल भविष्य का संदेश दिया। यह अभियान न केवल चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि जनसेवा और संवाद की नई परंपरा का प्रतीक भी बन गया।