बिहार में दीपावली धूमधाम से मनाई गई। जमकर आतिशबाजी हुई। बिल्डिंग्स रंग बिरंगी लाइट्स की रोशनी से जगमगा उठीं। बिहार सरकार की हाउस होल्ड रिपोर्ट के अनुसार 2.80 करोड़ घर हैं। इनमें करीब 15 से 17 प्रतिशत मुस्लिमों के घर हैं। इस हिसाब से करीब 2.30 करोड़ हिंदू घरों में दीपावली मनाई गई
हालांकि, कई कारोबार में मुस्लिम परिवार भी लगे हुए हैं। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अनुसार, पूरे बिहार में दीपावली पर करीब 2200 से तीन हजार करोड़ कारोबार होने की उम्मीद है। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अनुसार इस बार वोकल फॉर लोकल पर लोगों का फोकस है
लोगों ने चाइनीज झालर की बजाय, देसी लाइट और मिट्टी के दीयों की ज्यादा खरीदी की। इसके अलावा मूर्तियों, मिठाई से लेकर झालरों, पटाखों और कीमती उपहारों पर जमकर खर्च हुआ।
2.3 करोड़ में से लगभग 1.5 करोड़ घरों ने पटाखों पर खर्च किया। 500 रुपए प्रति घर के औसत से, इस दिवाली बिहार में 750 करोड़ रुपए के पटाखे फोड़े गए। दीपावली पर घरों में सबसे बड़ा खर्च इसी का होता है। वहीं, मिठाई पर करीब 575 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। औसतन हर घर में अगर 250 रुपए की मिठाई भी आई तो करीब इतना खर्च होगा।
पारंपरिक दीयों के साथ-साथ बिजली की झालरों (LED Lights) का चलन भी जोरों पर रहा। 1.5 करोड़ घरों ने औसतन 100 रुपए की झालरें खरीदीं, जिससे बाज़ार में 150 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
चांदनी मार्केट में लाइट बेचने वाले रोहित झुनझुनवाला ने कहा कि, 'इस बार मार्केट काफी अच्छा रहा है। लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। उनके मन में काफी उत्साह दिख रहा है। लोग लड़ी वाले लाइट ज्यादा पसंद कर रहे हैं। दिवाली के समय 3 दिन का सेल आम दिनों के सेल के बराबर 100% होती है। इसलिए हर साल दिवाली का इंतजार रहता है।'