6 सीटें देकर हमारे महत्त्व को कम आंका गया है, इसका खामियाजा NDA को भुगतना पड़ सकता है - जीतन राम मांझी

"हमें सिर्फ 6 सीट देकर उन्होंने हमारी अहमियत कम आंकी है. इसकी खामियाजा NDA को भुगतनी पड़ सकती है.

6 सीटें देकर हमारे महत्त्व को कम आंका गया है, इसका खामियाजा NDA को भुगतना पड़ सकता है - जीतन राम मांझी
swaraj post

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Karishma Singh
: Oct 13, 2025, 8:43:00 AM

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर NDA ने रविवार को सीट शेयरिंग की घोषणा कर दी है। बीजेपी 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं जदयू 101 सीटों पर लड़ने जा रही है। जबकि चिराग पासवान की पार्टी LJP (R) 29 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) को 6 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM को 6 सीटें दी गई हैं।

सीट बंटवारे के बाद जीतन राम मांझी ने पहले तो 'संतुष्टि' जताई, लेकिन तुरंत बाद उनके तेवर तीखे हो गए. उन्होंने कहा कि आलाकमान का फैसला स्वीकार है, लेकिन "हमें सिर्फ 6 सीट देकर उन्होंने हमारी अहमियत कम आंकी है. इसकी खामियाजा NDA को भुगतनी पड़ सकती है." मांझी की यह सीधी चेतावनी दर्शाती है कि वह अपनी पार्टी 'हम' को राज्यस्तरीय दल का दर्जा दिलाने के लिए मांगी गई 15 सीटों के मुकाबले मिली 6 सीटों से बेहद असंतुष्ट हैं.

उपेंद्र कुशवाहा ने भी सीटों की संख्या पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पहले ट्विटर) का सहारा लिया. उन्होंने भावुक होते हुए लिखा कि, “आप सभी से क्षमा चाहता हूं. आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पायी... मैं समझ रहा हूं, इस निर्णय से अपनी पार्टी के उम्मीदवार होने की इच्छा रखने वाले साथियों सहित हजारों - लाखों लोगों का मन दुखी होगा। आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा."

कुशवाहा ने अपने समर्थकों से गुस्सा शांत करने का आग्रह करते हुए यह भी कहा कि किसी भी निर्णय के पीछे कुछ परिस्थितियां बाहर से नहीं दिखतीं. गौरतलब है कि कुशवाहा ने NDA से 24 सीटों की मांग की थी.

पांच दलों वाले बिहार NDA में दो प्रमुख सहयोगी दलों की सार्वजनिक नाराज़गी चुनाव से पहले शुभ संकेत नहीं है. जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा दोनों ही अपने-अपने जातीय आधार वाले वोट बैंक पर मजबूत पकड़ रखते हैं, और उनके असंतोष का सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ सकता है