बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जीत हासिल करने वाले 243 विधायकों के लिए अब सरकारी आवास की सुविधा उपलब्ध होगी। पटना के दरोगा राय पथ के पास भवन निर्माण विभाग ने 246 डुप्लेक्स तैयार कर लिए हैं, जो लगभग 44.41 एकड़ के क्षेत्र में बने हैं।
विधायकों के आवासीय परिसर का निर्माण विभिन्न चरणों में किया गया। 2017 में शुरू हुए निर्माण कार्य को आठ साल में पूरा किया गया। भवन निर्माण विभाग के अनुसार, ये डुप्लेक्स आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और विधायकों को किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पहले विधायकों को सरकारी आवास नहीं मिलने के कारण उन्हें निजी मकानों में रहना पड़ता था, जिससे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लंबे समय से अटके इस निर्माण कार्य को कोर्ट के निर्देशों के बाद पूरा किया गया।
हालांकि बिहार विधानसभा में इस बार 243 विधायक चुने गए हैं, लेकिन तीन अतिरिक्त डुप्लेक्स भी बनाए गए हैं। प्रत्येक विधायक आवास का क्षेत्रफल लगभग 3693 वर्गफीट है। प्रारंभ में इस परियोजना के लिए 250 करोड़ रुपये का बजट था, लेकिन निर्माण की बढ़ती लागत के कारण राशि बढ़ाकर 500 करोड़ से अधिक कर दी गई।
आवास परिसर में विधायकों के आवास के अलावा एमएलए हॉस्टल, कैंटीन और कम्युनिटी सेंटर जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं।
भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने बताया कि सभी 246 डुप्लेक्स विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार आवंटित किए जाएंगे। प्रत्येक आवास पर निर्वाचन क्षेत्र संख्या और क्षेत्र का नाम अंकित होगा।
कुमार रवि ने कहा, "इस आवास परिसर से विधायकों को क्षेत्रीय जनता के संपर्क में रहने में आसानी होगी। आम लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनना और कार्यालय कार्यों को सुगम बनाना संभव होगा। आवास परिसर को जीरो डिस्चार्ज सिस्टम के अनुसार बनाया गया है।"
सिवरेज को ट्रीटमेंट के बाद बागवानी के लिए उपयोग किया जाएगा। वर्षा जल संचयन की व्यवस्था भी की गई है। बिजली बचत के लिए एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। परिसर की सुंदरता बढ़ाने के लिए सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर चम्पा, गुलमोहर और महोगनी के पौधे लगाए गए हैं।
बिहार में 243 विधायक और 75 विधान पार्षद हैं। सभी 75 विधान पार्षदों के लिए पहले ही सरकारी आवास तैयार किए जा चुके हैं। अब विधायकों के लिए चरणबद्ध तरीके से आवास निर्माण पूरा हो गया है और सभी को पटना में सरकारी आवास मिलने जा रहा है।