चुनाव से पहले आरएलजेपी (रालोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मोदी सरकार में मंत्री रहे पशुपति कुमार पारस ने नया सियासी राग छेड़ दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 में एक भी सीट नहीं मिलने से नाराज पारस ने एनडीए छोड़ दिया और अब वे महागठबंधन में शामिल हैं। लेकिन, उन्होंने कहा है कि रामविलास पासवान के बेटे और उनके भतीजा चिराग पासवान मुख्यमंत्री बनते है तो उन्हें सबसे ज्यादा खुशी होगी। कांग्रेस ने इसे पारिवारिक मामला करार दिया है तो चिराग पासवान की पार्टी लोजपा-आरवी की मिली जुली प्रतिक्रिया आई है। एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। चिराग पासवान भी नीतीश कुमार को ही सीएम फेस बता रहे। हालांकि उनकी पार्टी के अंदर से कुछ आवाजें आती रहती हैं।
पशुपति कुमार पारस ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि चिराग पासवान उनके भतीजा हैं। परिवार के सदस्य हैं। फैमिली का कोई सदस्य सीएम बने तो खुशी की बात है। चिराग सीएम बनते हैं तो सबसे ज्यादा खुशी उन्हें ही होगी। लेकिन किसी को जनता ही सीएम या कुछ भी बनाती है। जनता के हाथ में सुप्रीम पावर है। बिहार की जनता राजनीतिक तौर पर सजग और जागरुक है। कोई फैसला सोच समझकर लेती है।
पशुपति पारस का यह बयान तब आया है जब बिहार में चुनाव की रणभेड़ी बजने ही वाली है। रामविलास पासवान के निधन के बाद कुछ ही दिनों में उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी में टूट हो गई। सभी सांसदों को लेकर पशुपति पारस ने अलग पार्टी बना ली और चिराग को अकेला छोड़ दिया। दोनों के बीच पारिवारिक रिश्ते भी टूट गए। पशुपति पारस ने चिराग पासवान को अपना खून मानने से भी इनकार कर दिया। धीरे-धीरे सियासत चिराग के पक्ष में आ गई और पारस साइड होते चले गए। एनडीए में भाव नहीं मिला तो लालू यादव के साथ महागठबंधन में चले गए।